फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो वायु प्रदूषण, धूम्रपान और कई अन्य कारकों के कारण बढ़ रही है। विशेषकर दिल्ली-एनसीआर जैसे शहरों में वायु में घुला जहर फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल दुनिया भर में 20 लाख से अधिक लोग फेफड़ों के कैंसर का शिकार होते हैं, जिनमें से लगभग 18 लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवाते हैं।
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
फेफड़ों के कैंसर की पहचान उसके प्रारंभिक लक्षणों के माध्यम से की जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो उसे तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए:
- लंबे समय तक खांसी – यदि कोई व्यक्ति लगातार खांसी से परेशान है या खांसी के दौरान आवाज में बदलाव आ रहा है।
- सांस लेने में खटास – सांस लेते समय whistles या अन्य अजीब ध्वनियों का आना।
- खांसी के दौरान खून आना – यह गंभीर स्थिति हो सकती है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- अचानक वजन घटना – बिना किसी कारण के तेजी से वजन घटना।
- भूख में कमी – सामान्य से अधिक भूख कम लगना।
- श्वसन पथ में सूजन और संक्रमण – सांस लेने में कठिनाई होना।
- कंधे, पीठ और पैरों में दर्द – शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द होना।
फेफड़ों के कैंसर की पहचान के लिए टेस्ट
फेफड़ों के कैंसर की पहचान के लिए कई प्रकार के चिकित्सा परीक्षण उपलब्ध हैं:
- छाती का एक्स-रे (Chest X-ray)
- एचआरसीटी स्कैन (HRCT scan)
- फेफड़े की बायोप्सी (Lung biopsy)
- ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy)
इन परीक्षणों से कैंसर की स्थिति की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
घर पर फेफड़ों के कैंसर की पहचान कैसे करें
घर पर फेफड़ों के कैंसर की पहचान के लिए एक आसान तरीका है जिसे “डायमंड फिंगर टेस्ट” कहा जाता है। इस टेस्ट में आपको अपने अंगूठे और तर्जनी (index finger) को मिलाना होगा और देखना होगा कि क्या इनके बीच कोई जगह बन रही है।
- यदि इन दोनों अंगुलियों के बीच कोई स्पेस नहीं बनता है, तो यह “फिंगर क्लबिंग” का संकेत हो सकता है, जो फेफड़ों के कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, यह स्थिति 35% से अधिक गैर-छोटे सेल फेफड़ों के कैंसर के मरीजों में देखी गई है।
फेफड़ों के कैंसर से बचाव के उपाय
फेफड़ों के कैंसर से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:
- धूम्रपान से बचें – यह कैंसर का मुख्य कारण है, इसलिए इसे छोड़ना आवश्यक है।
- संतरे, मौसंबी, आड़ू और गाजर जैसे फलों का सेवन करें – ये फलों में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
- आउटडोर व्यायाम करने से बचें – सुबह और शाम के समय वायु प्रदूषण अधिक होता है, इसलिए इन समयों में इनडोर एक्सरसाइज करना बेहतर है।
फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसे जल्दी पहचान लिया जाए तो इससे निपटना संभव है। घर पर फिंगर क्लबिंग टेस्ट करके आप इस बीमारी का प्रारंभिक संकेत पहचान सकते हैं। इसके साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित चिकित्सा जांच कराकर आप अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं।
स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को नजरअंदाज न करें, और हमेशा विशेषज्ञों से सलाह लेने में संकोच न करें। फेफड़ों के कैंसर की पहचान और उपचार में समय पर कदम उठाना बहुत जरूरी है।