Hrithik Roshan, जो आज बॉलीवुड के सबसे चर्चित सितारों में से एक हैं, ने अपने करियर की शुरुआत 2000 में अपनी पहली फिल्म कहो न ना प्यार है से की। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, बल्कि इसे देखकर Hrithik Roshan ने रातोंरात स्टारडम हासिल किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी पहली फिल्म से पहले ऋतिक ने खुद को एक स्ट्रगलर बताया था? यह दिलचस्प जानकारी हाल ही में उनकी सह-कलाकार सोनाली कुलकर्णी ने साझा की।
सोनाली कुलकर्णी की यादें
सोनाली कुलकर्णी ने Hrithik Roshan के साथ अपनी पहली मुलाकात के बारे में बात की, जो फिल्म मिशन कश्मीर के सेट पर हुई थी। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि जब वे पहली बार मिले, तब ऋतिक ने खुद को राकेश रोशन का बेटा और एक स्ट्रगलर बताया। यह बताते हुए सोनाली ने कहा, “उस समय ऋतिक की फिल्म कहो न ना प्यार है रिलीज नहीं हुई थी, और वह अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे।”
Hrithik Roshan का परिवार फिल्म उद्योग से जुड़ा हुआ है। उनके पिता राकेश रोशन न केवल एक प्रमुख अभिनेता हैं, बल्कि एक सफल फिल्म निर्माता और निर्देशक भी हैं। उनके चाचा राजेश रोशन एक प्रसिद्ध संगीत निर्देशक हैं। इसके बावजूद, ऋतिक ने अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष का सामना किया और खुद को स्ट्रगलर माना।
पहली मुलाकात की कहानी
सोनाली ने याद किया कि उनकी पहली मुलाकात ऑडिशन के दिन हुई थी। ऋतिक ने उन्हें कहा, “नमस्ते, मैं Hrithik Roshan हूँ, मैं राकेश रोशन का बेटा हूँ। मैं एक स्ट्रगलर हूँ।” इस पर सोनाली ने उत्तर दिया, “नमस्ते, मैं सोनाली कुलकर्णी हूँ, बीजी कुलकर्णी की बेटी। मैं भी एक स्ट्रगलर हूँ।”
यह बातें इस बात को दर्शाती हैं कि ऋतिक अपनी प्रतिभा के बावजूद खुद को किस तरह से एक सामान्य इंसान मानते थे। उन्होंने यह साबित किया कि सिर्फ पृष्ठभूमि होना ही सफलता की गारंटी नहीं है, बल्कि मेहनत और समर्पण भी आवश्यक हैं।
25 साल की उम्र में मां की भूमिका
फिल्म मिशन कश्मीर में सोनाली ने ऋतिक की मां की भूमिका निभाई थी, जबकि उनकी असली उम्र उस समय 25 वर्ष थी। उन्होंने कहा, “मुझे मां की भूमिका निभाने में कोई समस्या नहीं थी क्योंकि मैं एक किरदार निभा रही थी। हालांकि, मुझे संजय दत्त के साथ ऊँचाई का अंतर जरूर महसूस हुआ।” सोनाली ने यह भी बताया कि उन्हें पहले यह नहीं पता था कि उन्हें ऋतिक की मां की भूमिका निभानी होगी।
संघर्ष का महत्व
ऋतिक की यह कहानी हमें सिखाती है कि संघर्ष हर किसी का हिस्सा होता है, चाहे आप किसी बड़े फिल्म परिवार से ही क्यों न हों। उनकी यह मानसिकता कि वे एक स्ट्रगलर हैं, दर्शाता है कि उन्होंने कभी भी अपने संघर्ष को हल्के में नहीं लिया। इसने उन्हें सफल बनने के लिए प्रेरित किया और आज वे बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं।
Hrithik Roshan की कहानी यह दर्शाती है कि मेहनत, धैर्य और आत्म-विश्वास के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने अपने सफर में आने वाली बाधाओं को पार किया और आज एक सुपरस्टार बन गए हैं। उनकी यह यात्रा प्रेरणा का स्रोत है, न केवल उन लोगों के लिए जो फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहते हैं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।