Murgi Palan Yojana: बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और मुर्गी पालन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “बिहार मुर्गी पालन योजना” की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, इच्छुक लाभार्थियों को मुर्गी फार्म खोलने के लिए तीन से 40 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना में वित्तीय सहायता के रूप में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।
योजना का उद्देश्य
बिहार मुर्गी पालन योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर सृजित करना और मुर्गी पालन उद्योग को बढ़ावा देना है। इस योजना के माध्यम से, लोगों को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि उनकी आय भी बढ़ेगी। यह योजना दो प्रकार के मुर्गी फार्म के लिए लागू होती है: लेयर चूज़ा फार्म और ब्रोइलर चूज़ा फार्म।
लाभार्थियों की संख्या
अब तक, इस योजना के तहत जिले में 12 आवेदन लेयर फार्म के लिए और 71 आवेदन ब्रोइलर फार्म के लिए प्राप्त हुए हैं। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिला पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. धीरज कुमार ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है। इच्छुक आवेदक बिहार सरकार के पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
मुर्गी पालन से होने वाले लाभ
मुर्गी पालन करने से न केवल व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा, बल्कि वे अपनी आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सकेंगे। यह योजना किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए एक अवसर प्रदान करती है कि वे कृषि आधारित व्यवसाय में शामिल हो सकें और अपनी आय बढ़ा सकें।
बैंक से ऋण की व्यवस्था
इस योजना के अंतर्गत, मुर्गी फार्म खोलने वाले लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ मिलता है, साथ ही वे बैंकों से कम ब्याज दर पर ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, बेरोजगार व्यक्तियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे अपना व्यवसाय शुरू करें और अपने भविष्य को सुरक्षित करें।
आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जैसे:
- भूमि का प्रमाण
- किराए की रसीद
- LPC लीज़ एग्रीमेंट मानचित्र
- वित्तीय प्रमाण (बैंक पासबुक या FD जिसमें योजना की राशि भेजी जा सके)
इसके अलावा, आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। मुर्गी फार्म स्थापित करने के लिए आवश्यक भूमि के अलावा, आवेदक को मुर्गी पालन का प्रशिक्षण भी प्राप्त होना चाहिए।
विशेष लाभ
विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को इस योजना के अंतर्गत अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इस पहल से उन समुदायों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
योजना का प्रभाव
इस योजना के माध्यम से, न केवल रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, बल्कि यह ग्रामीण विकास में भी योगदान देगा। मुर्गी पालन एक लाभकारी व्यवसाय है, जिसमें निवेश करने से न केवल आय में वृद्धि होती है, बल्कि यह स्थानीय खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा देता है।