सफलता की कहानी: पिता के कहने पर शुरू की परीक्षा की तैयारी

बेटे की सफलता पर घर में खुशी की लहर है। गांव जयंती माजरी के कमल चौधरी ने हरियाणा सिविल सर्विसेज में पहला स्थान हासिल किया है। कमल की बहन ने भी एचपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी।

चंडीगढ़ के पास नयागांव इलाके के रहने वाले देशराज चौधरी के बेटे कमल चौधरी ने हरियाणा सिविल सर्विसेज में पहला स्थान हासिल किया है। इसके बाद पूरे गांव में खुशी की लहर है। इस उपलब्धि को परिवार माता जयंती माजरी का आशीर्वाद बता रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देशराज चौधरी हरियाणा ट्रांसपोर्ट में सहायक के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने दफ्तर में अधिकारियों को आते-जाते देख अपने बच्चों को भी इसी पद पर पहुंचाना चाहते थे। उनके तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी उनकी बेटी कामिनी ने भी हरियाणा न्यायिक सेवाओं की परीक्षा पास कर ली थी लेकिन लेकिन साक्षात्कार में उन्हें सफलता नहीं मिली।

वह आजकल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत के साथ आगे की तैयारी कर रही हैं। कमल परिवार में दूसरे नंबर पर है। उसने तमिलनाडु से बीटेक की पढ़ाई की हुई है। पिता के कहने पर उन्होंने दिल्ली स्थित एक निजी संस्थान से सिविल सर्विसेज की तैयारी की थी। पहली बार में ही उन्होंने पूरे हरियाणा में पहला स्थान हासिल किया है।

इंस्टाग्राम-फेसबुक से रखी दूरी, 12 से 13 घंटे की पढ़ाई… सफलता मुट्ठी में आई
हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से एचसीएस (कार्यकारी शाखा) के 156 पदों के लिए कराई गई परीक्षा में 398.75 अंक लेकर टॉप करने वाले कमल चौधरी मुल्लांपुर (मोहाली) के गांव जयंती माजरी के रहने वाले हैं। उनकी इस उपलब्धि से परिवार के साथ पूरे गांव में गांव में खुशी की लहर है। परिवार का कहना है कि माता जयंती माजरी के आशीर्वाद और बेटे की मेहनत से यह सफलता मिली है।

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अमर उजाला से बातचीत में कमल ने कहा कि तैयारी के दौरान उन्होंने 12 से 13 घंटे की पढ़ाई की। इंस्टाग्राम और फेसबुक से दूर रहे। व्हाट्सएप और टेलीग्राम का इस्तेमाल किया क्योंकि इन पर काफी स्टडी मैटेरीयल आता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में उन्होंने वर्ष 2019 में तैयारी शुरू की थी लेकिन 8-9 माह की तैयारी के बाद लॉकडाउन लग गया और वह घर चले आए। घर पर ही रहकर उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी की।

कमल ने बताया कि खुद को फिट रखने के लिए वह रनिंग करते हैं क्योंकि पढ़ाई के साथ सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। पिता हरियाणा परिवहन विभाग में हैं इसलिए उन्होंने इस परीक्षा को चुना। कमल कहते हैं कि शिक्षा के स्तर को सुधारना और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना उनका लक्ष्य है।

पिता देशराज चौधरी हरियाणा परिवहन विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत हैं। दफ्तर में अधिकारियों को आते-जाते देख वह भी अपने बच्चों को उच्च पद पर हुंचाना चाहते थे। उनके तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी उनकी बेटी कामिनी ने भी हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर ली थी लेकिन साक्षात्कार में उन्हें सफलता नहीं मिली।

26 जनवरी को हुई परेड में छोटे भाई की टीम ने देश में पाया था तीसरा स्थान
कमल का छोटा भाई अभी ग्रेजुएशन कर रहा है। वह भी इसी साल 26 जनवरी की परेड में नेशनल कैडेट कोर एनसीसी की तरफ से शामिल हुआ था। उसकी टीम को पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल हुआ था। कमल की मां एक ग्रहणी है। कमल की मां संतोष का कहना है कि उनके बेटे को मिली सफलता माता जयंती देवी का आशीर्वाद है। पूरे गांव पर हमेशा ही माता जयंती देवी का आशीर्वाद रहा है। वहीं कमल के पिता ने बताया कि उनके घर पर गांव के लोग बधाई देने के लिए आ रहे हैं। बेटे की सफलता में गांव के सभी लोग एवं उसकी शिक्षकों का पूरा सहयोग रहा है ।  पूरे गांव में मिठाई बांटकर इसकी खुशी मनाई जा रही है।

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