पंजाब पुलिस का दावा है कि हमने जालंधर के महितपुर में Amritpal Singh अमृतपाल सिंह की गाड़ियों का काफिले को घेरा तो वह तीसरी गाड़ी में सवार था। उसने गाड़ी लिंक रोड की तरफ मोड़ी तो हमने 25 किलोमीटर तक उसका पीछा किया, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। इतनी कड़ी सुरक्षा में अमृतपाल के भागने के दावे पर सवाल उठ रहे हैं।
मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी पंजाब पुलिस को फटकार लगाई थी कि 80 हजार की पुलिस फोर्स होने के बावजूद वह कैसे फरार हो गया? दूसरी तरफ महितपुर के लोगों का कहना है कि अमृतपाल यहां पहुंचा ही नहीं। पुलिस ने सिर्फ Amritpal Singh अमृतपाल सिंह के समर्थकों की गाड़ियों का काफिला घेरा था। महितपुर में 18 मार्च को सुबह 11.58 का वक्त था।
शाहकोट मार्ग की तरफ से आ रही इंडेवर गाड़ियां तेज रफ्तार से जगरांव की तरफ जाने वाले मार्ग से एक गली पहले मुड़ जाती हैं। यह एक छोटे बाजार की गली है, जो महज 15 फीट चौड़ी है। इंडेवर गाडियों के आगे एक इनोवा आ जाती है, जिस कारण गाड़ियां रुक जाती हैं और एक युवक नीचे उतरकर भागता है।
वह एक घर में जाकर बाथरूम में छिप जाता है। पुलिस इन गाड़ियों से पांच लोगों को गिरफ्तार करती है, लेकिन इनमें अमृतपाल सिंह नहीं होता। छठे को भी पुलिस मुलाजिम घर से निकाल लाते हैं और गिरफ्तार कर लिया जाता है। इन गाड़ियों में न तो अमृतपाल सिंह था और न ही गली इतनी चौड़ी है कि यहां से मर्सिडीज गाड़ी को वापस मोड़ा जा सके।
18 मार्च को श्री मुक्तसर साहब में था अमृतपाल सिंह का कार्यक्रम
18 मार्च को अमृतपाल सिंह का श्री मुक्तसर साहब में कार्यक्रम था। इसकी रूपरेखा पुलिस व खुफिया एजेंसियों के पास थी। पुलिस की योजना थी कि अमृतपाल सिंह को माझा में गिरफ्तार न किया जाए, क्योंकि यहां गर्मख्याली बड़ी संख्या में हैं और अमृतपाल के समर्थकों की तादाद भी कम नहीं है। लिहाजा, योजना बनाई गई थी कि अमृतपाल सिंह को मोगा बार्डर पर पकड़ा जाए। यानी दोआबा से जब वह मालवा की तरफ जाने लगे तो उसको गिरफ्तार कर लिया जाए।
धार्मिक नगरी होने के कारण पुलिस ने इसका रास्ता नहीं रोका
Amritpal Singh अमृतपाल सिंह अपने घर से चला तो रास्ते में गोइंदवाल साहिब से निकला। जो ऐतिहासिक स्थल है और यहां पर भी पुलिस कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी। इसके बाद बाबा नानक की नगरी सुल्तानपुर लोधी से निकला, यह भी धार्मिक नगरी होने के कारण पुलिस ने इसका रास्ता नहीं रोका। लेकिन इसके बाद मल्सियां व शाहकोट का इलाका शुरू हो जाता है, जहां पर हरदम पुलिस का नाका रहता है।
पुल के नीचे वह मर्सिडीज छोड़ ब्रेजा गाड़ी में सवार हुआ
बताते हैं कि उस समय अमृतपाल सिंह मर्सिडीज कार में सवार था। बकायदा टोल प्लाजा क्रॉस किया और मोगा के एंट्री प्वाइंट पर भारी पुलिस बल देखकर उसने यू टर्न ले लिया। नेशनल हाईवे पर आकर उसने पुल के नीचे वह मर्सिडीज छोड़ ब्रेजा गाड़ी में सवार हो गया और अपनी टीम से अलग हो गया। पुलिस मर्सिडीज व इंडेवर गाड़ियों का पीछा करती रह गई। अमृतपाल सिंह ने टोल वापस क्रॉस किया और लिंक मार्ग पर ब्रीजा गाड़ी लेकर निकल गया।
फिल्मी स्टाइल में मर्सिडीज कार की तलाश
हालांकि, Amritpal Singh अमृतसर के जल्लपुर खेड़ा गांव से लेकर शाहकोट तक 20 से अधिक स्थानों पर पुलिस की नाकेबंदी रहती है, लेकिन रास्ते में पुलिस ने अमृतपाल सिंह के वाहन नहीं रोके। मोगा समेत आठ जिलों की पुलिस ने जालंधर के देहात इलाके में जाल बिछाया हुआ था। बिल्कुल फिल्मी स्टाइल की भांति पुलिस मर्सिडीज कार की तलाश करती रही, लेकिन वह ब्रीजा गाड़ी में घूमता रहा।