PPF Vs VPF: कर-बचत योजनाओं की बात करें तो लोग अपने पैसे निवेश करने, कर योग्य आय को कम करने और अंततः कर बचाने के लिए कई योजनाओं में निवेश करते हैं। सभी मौजूदा विकल्पों में से, कुछ ही विकल्प EEE (एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट-एक्सेम्प्ट) योजना के अंतर्गत आते हैं। इन विकल्पों से कर न केवल शुरुआत में बचाया जा सकता है, बल्कि इसके अन्य चरणों में भी कर में छूट मिलती है। यहां हम दो लोकप्रिय कर-बचत निवेश योजनाओं, PPF और VPF को समझते हैं। इनके बीच क्या अंतर है और कौन सा विकल्प बेहतर है, आइए जानते हैं।
क्या है PPF?
PPF यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत सरकार द्वारा समर्थित एक बचत योजना है, जो कर लाभ और गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है। यह एक लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश विकल्प है जिसका उपयोग रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा और आवास के लिए किया जा सकता है। PPF की लॉक-इन अवधि 15 वर्षों की होती है, जो इसे लंबी अवधि के लिए स्थिर निवेश का एक उत्कृष्ट साधन बनाती है।
PPF के लाभ:
- गारंटीड रिटर्न: PPF सरकार द्वारा समर्थित योजना है, इसलिए इसमें कोई जोखिम नहीं होता और निवेशक को निश्चित ब्याज दर मिलती है।
- कर बचत: PPF में निवेश पर धारा 80C के तहत कर छूट मिलती है और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी कर-मुक्त होती है।
- लॉक-इन अवधि: PPF की लॉक-इन अवधि 15 साल होती है, जिसके बाद ही निवेशक इसे पूरी तरह से निकाल सकता है।
- आंशिक निकासी की सुविधा: निवेशक 7 साल बाद आंशिक निकासी कर सकते हैं।
क्या है VPF?
VPF यानी वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का ही एक विकल्प है, जहां कर्मचारी अपनी न्यूनतम ईपीएफ योगदान के अतिरिक्त स्वेच्छा से और भी अधिक राशि का योगदान कर सकता है। हालांकि, नियोक्ता का योगदान हमेशा 12% तक ही सीमित रहेगा, भले ही कर्मचारी कितना भी योगदान करे। VPF में निवेश की राशि सीधे कर्मचारी के वेतन से काट ली जाती है, जिससे यह एक सुविधाजनक निवेश विकल्प बन जाता है।
VPF के लाभ:
- उच्च ब्याज दर: VPF में निवेश पर ब्याज दर आमतौर पर PPF से अधिक होती है। वर्तमान में यह 8.25% है, जो ईपीएफ के अनुरूप है।
- नियमित योगदान: VPF में निवेश की राशि सीधे वेतन से काट ली जाती है, जिससे यह एक नियमित निवेश योजना बन जाती है।
- कर बचत: VPF में निवेश पर भी कर छूट मिलती है, और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि पर भी कर नहीं लगता।
- निकासी की सुविधा: VPF से 5वें साल में आंशिक निकासी की जा सकती है।
दोनों में अंतर
- उपलब्धता: PPF सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है, जबकि VPF केवल उन वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है जो ईपीएफ के अंतर्गत आते हैं।
- लॉक-इन अवधि: PPF की लॉक-इन अवधि 15 वर्षों की होती है, जबकि VPF का निवेश कर्मचारी के रोजगार की अवधि से जुड़ा होता है। जब तक कर्मचारी सेवा में है, तब तक VPF में निवेश कर सकता है।
- ब्याज दर: PPF में वर्तमान में 7.1% की ब्याज दर मिलती है, जबकि VPF में 8.25% की ब्याज दर मिलती है।
- कर-बचत: दोनों योजनाओं में निवेश पर कर छूट मिलती है। आप PPF में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं।
- निकासी की सुविधा: PPF में आंशिक निकासी 7वें वर्ष के बाद की जा सकती है, जबकि VPF में 5वें वर्ष में निकासी की जा सकती है।
- जोखिम: PPF पूरी तरह जोखिम मुक्त होता है क्योंकि यह सरकार द्वारा समर्थित होता है। वहीं, VPF भी कम जोखिम वाला विकल्प है क्योंकि यह कर्मचारी भविष्य निधि योजना का हिस्सा है।
कौन सा बेहतर है?
इस सवाल का उत्तर आपकी व्यक्तिगत जरूरतों और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। यदि आप लंबी अवधि के लिए स्थिरता और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो PPF एक उत्कृष्ट विकल्प है। इसकी लॉक-इन अवधि लंबी होने के बावजूद, यह अनुशासित बचत को प्रोत्साहित करती है और रिटायरमेंट या अन्य दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों के लिए एक विश्वसनीय फंड के रूप में काम कर सकती है।
वहीं, यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं और PPF से अधिक ब्याज दर चाहते हैं, और अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा रिटायरमेंट बचत के लिए योगदान करने के लिए तैयार हैं, तो VPF आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। VPF आपको उच्च ब्याज दर देता है और यह ईपीएफ के साथ सहजता से जुड़ा रहता है, जिससे आपको इसे अलग से मैनेज करने की जरूरत नहीं होती।