बिना किसी लक्षण या तकलीफ के आ सकता है अचानक हार्ट अटैक “Heart Attack”

Heart Attack कई बार लक्षणों के साथ होता है जैसे कि छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, तनाव, थकान आदि। हालांकि, कुछ बार यह बिना किसी लक्षण या तकलीफ के भी हो सकता है, इसे सामान्यतया “साइलेंट हार्ट अटैक” या “अस्पष्ट हार्ट अटैक” के रूप में जाना जाता है।

यह तब होता है जब हृदय की धमनियों में किसी बात के कारण रक्त का फ्लो रुक जाता है जो हार्ट में ऑक्सीजन की कमी का कारण बनता है। इस प्रकार के Heart Attack हार्ट अटैक को आमतौर पर निदान करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि इसके कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं।

इसलिए, यदि आपके परिवार में किसी को साइलेंट Heart Attack हार्ट अटैक का संदेह हो तो उन्हें तुरंत एक डॉक्टर से मिलना चाहिए। आपके डॉक्टर आपकी विस्तार से जांच करेंगे और आपके हृदय स्वास्थ्य की समीक्षा करेंगे ताकि उन्हें आपकी समस्या के संबंध में अधिक जानकारी मिल सके।

एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) क्या है

एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) एक ऐसी बीमारी है जो आमतौर पर आर्टरीज़ में होती है। इसमें आर्टरीज़ की दीवारों पर फैट, कैल्शियम, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं। इस प्रकार के जमाव के बाद, आर्टरीज़ की दीवार मोटी हो जाती है और इससे उनके अंदर की छोटी-छोटी धमनियों में से रक्त का फ्लो रुक जाता है। इससे आर्टरीज़ की दीवार पर फैट निश्चित समय के बाद चिकनी पड़ जाती है और यह इसके अंतिम चरण को दर्शाता है, जिसे प्लाक नाम से जाना जाता है।

और पढ़ें…  Bihar Board Results 2023: राजमिस्त्री का बेटा बना 10th Class का टॉपर, पूरे बिहार में पाई आठवीं रैंक

इस बीमारी के कुछ लक्षण होते हैं जैसे कि सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, छाती में तनाव, सिरदर्द, उल्टी, उल्टे आदि। हालांकि, इन लक्षणों के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। इसलिए, एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए सही निदान के लिए आपको एक डॉक्टर से मिलना चाहिए।

एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण शामिल हैं:

  1. सीने में दर्द: यह दर्द आपके सीने के ऊपरी हिस्से में होता है और आमतौर पर यह दर्द अधिक शारीरिक काम करने पर या भोजन करने के बाद होता है।
  2. सांस लेने में तकलीफ: इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है और यह दर्द कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ होने के बाद भी कुछ समय तक बरकरार रहता है।
  3. छाती में तनाव: अधिक तनाव वाले स्थितियों में यह लक्षण दिखता है।
  4. सिरदर्द: अधिकतर समय यह दर्द अधिक दिनों या हफ्तों तक चलता है।
  5. उल्टी: यदि आपको अनियमित उल्टी होती है तो यह भी एथेरोस्क्लेरोसिस का एक लक्षण हो सकता है।

इन लक्षणों को हमेशा एथेरोस्क्लेरोसिस के होने का संकेत नहीं माना जाना चाहिए। यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी महसूस होता है, तो आपको एक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

एथेरोस्क्लेरोसिस के कई कारण हो सकते हैं

  1. अधिक आहार: अधिक मात्रा में खूब गुणवत्ता वाले तेल, वसा, और खाद्य पदार्थों का सेवन करने से एथेरोस्क्लेरोसिस होने का खतरा बढ़ता है।
  2. शराब और धूम्रपान: शराब और धूम्रपान भी एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए एक बड़ा कारक हो सकते हैं।
  3. शरीर में अधिक वजन: शरीर में अधिक वजन होने से भी एथेरोस्क्लेरोसिस होने का खतरा बढ़ता है।
  4. उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप एथेरोस्क्लेरोसिस का मुख्य कारण हो सकता है।
  5. शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल: शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल भी एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए एक मुख्य कारक होता है।
  6. डायबिटीज़: डायबिटीज़ भी एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए एक मुख्य कारक हो सकता है।
  7. धमनियों में स्वल्प चोट: कभी-कभी धमनियों में स्वल्प चोट होने से भी एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है।
और पढ़ें…  Navratri Healthy Recipes: नवरात्रि व्रत के दौरान हेल्दी और एनर्जेटिक बने रहने के लिए ट्राय करें ये 3 रेसिपीज़

एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज के लिए विभिन्न विकल्प होते हैं 

  1. वनशैली परिवर्तन: जीआहार में संतुलित और स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाना, वजन घटाना, नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान और शराब से दूर रहना जैसी जीवनशैली परिवर्तन करना एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए मददगार हो सकता है।
  2. दवाएं: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का सेवन करना भी एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज में मददगार हो सकता है। ये दवाएं शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार हो सकती हैं।
  3. वास्क्युलर सर्जरी: कुछ मामलों में, एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण धमनियों में संकुचन होने से रोकने के लिए वास्क्युलर सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इस सर्जरी में डॉक्टर धमनियों की संकुचन को ठीक करता है।

Ahead of 1989 (Taylor’s Version) release fans try to decode her cryptic Instagram stories Koffee with Karan Season 8