Filmmaker Vikas Bahl की फिल्म ‘Ganpat‘ को डायस्टोपियन एक्शन फिल्म कहा जा रहा है। डायस्टोपियन film का मतलब, एक ऐसी movie से है जो भविष्य की एक ऐसी काल्पनिक दुनिया पर आधारित होती है, जहां आदर्श समाज नहीं है। संसाधन खत्म हो चुके हैं, अपराध, भ्रष्टाचार, अमीरी-गरीबी और असमानता की गहरी खाई है। ”Chillar Party’, ‘Queen’, ‘Super 30’ और ‘Good Bye’ जैसी films के निर्देशक विकास बहल ने ‘Ganpat’ के रूप में एक डायस्टोपियन फिल्म देने की कोशिश तो की है, लेकिन कमजोर कहानी के कारण वह अपने इस प्रयोग में असफल साबित होते हैं।
‘Ganpat’ की कहानी
कहानी की शुरुआत होती है, भविष्य की एक ऐसी ही दुनिया से, जहां दर्शकों को Dalpati (Amitabh Bachchan) का वॉयस ओवर सुनाई देता है। वो एक ऐसी जंग के बारे में बताता है, जिसके परिणाम स्वरूप दुनिया का तकरीबन सर्वनाश हो चुका है। मानव जाति का अस्तित्व खतरे में है। इस मौके का फायदा उठाकर पैसों की भूख रखने वाले ताकतवर लोग आधुनिक तकनीकों से लैस एक शहर सिल्वर सिटी का निर्माण करते हैं। यहां अमीर ऐशो-आराम से रहते हैं, मगर गरीबों को एक ऐसी जगह पर निकाल फेंका जाता है, जहां वे अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। ये गरीब अगर अमीरों की Silver City में प्रवेश करेंगे, तो मौत निश्चित है। बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के चक्कर में गरीब आपस में लड़ने-मरने लगते हैं।
बद से बदतर हालात को काबू करने के लिए दलपति एक बॉक्सिंग रिंग बनाकर नियम बनाता है कि लड़ाइयां सिर्फ बॉक्सिंग रिंग में ही होंगी, मगर Silver City का क्रूर और खतरनाक सरगना Dalini अपने right hand John को उनकी बस्ती में भेजता है। वह गरीबों के योद्धाओं को चालाकी से नष्ट कर देता है। पूरी बस्ती एक बार फिर बर्बादी की कगार पर आ जाती है। अब उनके लिए उम्मीद की सिर्फ एक ही किरण है, वो है दलपति की भविष्यवाणी, Ganpat एक दिन आएगा और सारे दुखों को दूर कर देगा।
कहानी के दूसरे ट्रैक में रंगीन मिजाज और जांबाज गुड्डू (टाइगर श्रॉफ) है। वह सिल्वर सिटी में ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा है। उसका काम है, जॉन के लिए उन फाइटरों पर बोली लगवाना, जो जीतकर उन्हें मालामाल कर सके। मगर एक दिन जब जॉन अपनी प्रेमिका रोजी (एली अवराम) को गुड्डू के साथ रोमांटिक होते देखता है, तो वह रोजी और गुड्डू को मारने का हुक्म देता है। गुड्डू, भगवान गणपति के चमत्कार से बच जाता है। कैजाद भाग निकलने में उसकी मदद करता है और गरीबों की बस्ती में जाकर शिवा से मिलने को कहता है। गरीबों की बस्ती में आकर गुड्डू की मुलाकात जस्सी (कृति सेनन) से होती है। कृति और शिवा दोनों जान जाते हैं कि गुड्डू ही उनका तारणहार गणपत है, जिसकी भवष्यवाणी दलपति ने की थी। क्या गणपत इस बस्ती के अच्छे दिन वापिस ला पाएगा? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
‘Ganpat’ मूवी रिव्यू
हिंदी सिनेमा में भविष्य पर आधारित डायस्टोपियन फिल्म बनाने के प्रयोग के लिए लेखक-निर्देशक विकास बहल की पहल सार्थक हो सकती थी, अगर वे कहानी को दमदार तरीके से बुनते। गरीबी-अमीरी का इमोशन हमेशा से यूनिवर्सल रहा है, मगर विकास की कहानी दर्शक के साथ अपना कनेक्ट नहीं बना पाती है। Amitabh Bachchan, Tiger Shroff और Kriti Sanon जैसे स्टार-कलाकार का फायदा उठाने में विकास नाकाम रहे हैं। भविष्य की पृष्ठभूमि पर बुने गए किरदार बिखरे-बिखरे नजर आते हैं, क्योंकि कहानी के मुख्य किरदार Indians हैं, मगर अमीर-गरीबों की बस्ती में Chinese और विदेशी भी रहते हैं।
फिल्म के एक्शन पर विकास ने खूब मेहनत की है। Garib Basti का उजड़ा हुआ सेट Hollywood movie की तरह लगता है। गरीबों का लुक और बेबसी ‘KGF’ की याद दिलाता है, मगर कई जगहों पर VFX की कमजोरी साफ झलकती है। मुख्य किरदारों के लुक भी बहुत कन्फ्यूज करते हैं। एक बॉक्सिंग मैच को जीतकर Ganpat का गरीबों को बर्बादी से बचाने का तर्क हजम नहीं होता। बैकग्राउंड स्कोर में Tiger Shroff की एंट्री पर Bappa का म्यूजिक बचकाना लगता है। जबकि फिल्म के गाने और बेहतर हो सकते थे।
इसमें कोई दो राय नहीं कि Tiger Shroff Bollywood के बेहतरीन एक्शन हीरोज में से एक हैं। पर्दे पर एक्शन करते हुए उनका लचीलापन देखते ही बनता है। वे डांस में भी अव्वल नजर आते हैं। फिल्म में उन्होंने अपने ग्रे शेड को भी खूबसूरती से निभाया है। जबकि Kriti Sanon भी अपने एक्शन avatar में दिल जीतती हैं। फाइटर लड़की के रूप में उनका लुक दमदार है। तकरीबन एक दशक पहले ‘Heropanti ‘ और फिर ‘Heropanti 2’ में नजर आने वाले टाइगर और कृति की केमेस्ट्री यहां भी स्ट्रॉन्ग नजर आती है। Big B, कैमियो में भी अपने लुक और अंदाज से प्रभाव जमाते हैं। Shiva के किरदार में Rashim Rehman ने यादगार काम किया है। स्पोर्टिंग कास्ट ठीक-ठाक है।