Australia में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, नया कानून लागू
Australia: सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का बच्चों और किशोरों पर मानसिक प्रभाव एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की लत बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है, यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया का उपयोग प्रतिबंधित करने वाला एक कानून पारित किया है। यह कानून 28 नवंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया की संसद से पारित हुआ और अब यह कानून बन गया है।
सोशल मीडिया कंपनियों पर भारी जुर्माना
इस नए कानून के तहत, सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट बनाने से रोकने की जिम्मेदारी दी गई है। अगर कोई बच्चा 16 वर्ष से कम उम्र का होकर सोशल मीडिया अकाउंट बनाता है, तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस नियम का पालन न करने वाली सोशल मीडिया कंपनियों पर 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 274.6 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया जाएगा। यह एक कड़ा कदम है ताकि बच्चों को सोशल मीडिया के मानसिक दबाव और साइबर क्राइम से बचाया जा सके।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को 1 साल का समय दिया है, ताकि वे इस नियम को पूरी तरह से लागू कर सकें। यदि कंपनियां इस आदेश का उल्लंघन करती हैं, तो उन पर बड़ा जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे उन्हें सख्त संदेश दिया जा सके कि वे बच्चों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध का उद्देश्य
ऑस्ट्रेलिया सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया का बच्चों पर मानसिक प्रभाव बेहद नकारात्मक हो सकता है। बच्चों का सोशल मीडिया पर अत्यधिक समय बिताना उनकी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति को बिगाड़ सकता है, जिससे उनकी पढ़ाई, शारीरिक फिटनेस, और पारिवारिक संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि सोशल मीडिया बच्चों के लिए मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण बन गया है और यह साइबर ठगों के लिए भी सबसे आसान माध्यम बन चुका है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रतिबंध से बच्चों को पारंपरिक खेलों और शारीरिक फिटनेस पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा। सरकार चाहती है कि बच्चे बाहरी और आंतरिक खेलों में भाग लें और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रखें।
बच्चों के माता-पिता से अपील
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बच्चों के माता-पिता से भी अपील की है कि वे इस कानून को प्रभावी बनाने में सरकार की मदद करें। बच्चों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी केवल सरकार पर नहीं, बल्कि परिवारों और समाज पर भी है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के लिए माता-पिता को अपनी भूमिका निभानी होगी।
सोशल मीडिया कंपनियों की प्रतिक्रिया
इस नए कानून पर सोशल मीडिया कंपनियों की प्रतिक्रिया मिलीजुली रही है। कुछ कंपनियों ने इसे एक अत्यधिक सख्त और जल्दबाजी में लाया गया कानून बताया है। उनका कहना है कि इस प्रकार के प्रतिबंध से बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह कानून बहुत ही अस्पष्ट है और इसके कई पहलू स्पष्ट नहीं हैं। सोशल मीडिया कंपनियों का मानना है कि इस तरह के नियमों को लागू करने के लिए उन्हें और समय और स्पष्ट दिशा-निर्देशों की आवश्यकता होगी।
क्या है इस कानून की प्रक्रिया?
इस कानून को पूरी तरह से लागू होने में 12 महीने का समय लगेगा। इस दौरान सोशल मीडिया कंपनियों को आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक बदलाव करने का अवसर मिलेगा, ताकि वे इस कानून का पालन कर सकें। हालांकि, इस समयावधि के बाद यदि कंपनियां इस नियम का पालन करने में विफल रहती हैं, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
नए कानून का भविष्य
ऑस्ट्रेलिया ने इस कड़े कदम से पूरी दुनिया में एक संदेश दिया है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। यह एक मॉडल बन सकता है, जिसे अन्य देश भी अपने यहां लागू करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया कंपनियां और कुछ विशेषज्ञ इसे एक बहुत कठोर कदम मानते हैं, लेकिन इस पर आगे की बहस होगी कि यह कानून कितना प्रभावी रहेगा।
किसी भी समाज में बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सर्वोपरि है। अगर बच्चे सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से बचेंगे, तो वे स्वस्थ मानसिक स्थिति में रहेंगे, जो कि उनका समग्र विकास सुनिश्चित करेगा। इस कानून के जरिए ऑस्ट्रेलिया ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है और यह दिखा दिया है कि वह बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए तैयार है।
ऑस्ट्रेलिया में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कानून न केवल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को संरक्षित करने के लिए है, बल्कि यह सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी जवाबदेह ठहराने का एक तरीका है। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण दुनिया भर में ऐसे कानूनों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि अन्य देशों में भी ऐसे कानून लागू होते हैं या नहीं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।