Silver Prices: हाल ही में चांदी की चमक तेज़ी से बढ़ी है, और इसका असर न केवल घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी देखने को मिला है। घरेलू बाजार में चांदी ने हाल ही में ₹1 लाख प्रति किलोग्राम की सीमा पार की है, वहीं वैश्विक बाजार में यह 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, एमसीएक्स पर चांदी की कीमत ₹1.25 लाख प्रति किलोग्राम तक जा सकती है।
चांदी की कीमतों में वृद्धि के कारण
2024 की शुरुआत से ही चांदी की कीमतों में प्रति औंस $10 का इज़ाफा देखा गया है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें पश्चिमी एशिया में बढ़ती तनाव स्थिति और यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती प्रमुख हैं। इस कारण चांदी को भी सोने की तरह एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है। निवेशकों के बीच चांदी की ओर आकर्षण बढ़ा है, जिससे चांदी की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भारत में त्योहारों के मौसम के दौरान चांदी की मांग में वृद्धि भी कीमतों को प्रभावित कर रही है। तेज़ी मंदी के अनुसार, कुछ अनुमानों के मुताबिक, 2024 के अंत तक चांदी की कीमत कॉमेक्स पर प्रति औंस $40 तक पहुँच सकती है। अप्रैल 2011 में चांदी ने अपने जीवनकाल का उच्चतम $50 प्रति औंस स्तर छुआ था।
चांदी की चमक और वैश्विक घटनाएं
चांदी की कीमतें भारत में वैश्विक और आर्थिक कारणों से प्रभावित हुई हैं। 2008 के वित्तीय संकट के दौरान चांदी की कीमतों में भारी गिरावट आई थी, लेकिन उसके बाद इसमें तेज़ी से सुधार हुआ। 2011 में वैश्विक अस्थिरता के माहौल में चांदी की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हुई, और उसे भी सोने की तरह एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखा गया। कोरोना महामारी के दौरान भी चांदी की कीमतों में तेज़ी आई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अस्थिरता के समय चांदी की चमक बढ़ती है।
2024 में चांदी ने दिया 42% का रिटर्न
1981 में चांदी ₹2715 प्रति किलोग्राम के आसपास बिक रही थी, जो 2010 में ₹27,255 प्रति किलोग्राम और 2020 में ₹63,435 प्रति किलोग्राम हो गई। यह दर्शाता है कि अस्थिरता के माहौल में चांदी की कीमतों में वृद्धि होती है। 2020 में चांदी की कीमतों में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो सोने से भी अधिक रही। इस दौरान चांदी ने स्टॉक मार्केट से भी बेहतर रिटर्न दिया।
चांदी की कीमतों में और वृद्धि की संभावना
चांदी की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी रहने वाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक मांग में वृद्धि, चीन का आर्थिक राहत पैकेज और यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती चांदी के लिए अच्छे दिन ला सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, चांदी में निवेश, सोने की तुलना में मध्यकाल और दीर्घकाल में बेहतर या समान रिटर्न दे सकता है। आने वाले 12-15 महीनों में चांदी की कीमतें एमसीएक्स पर ₹1.25 लाख प्रति किलोग्राम और कॉमेक्स पर $40 प्रति औंस तक पहुँच सकती हैं।
चांदी की कीमतों में इन दिनों जो तेजी देखी जा रही है, वह आने वाले समय में और बढ़ सकती है। विशेष रूप से वैश्विक घटनाओं और घरेलू मांग के कारण चांदी एक आकर्षक निवेश विकल्प बन चुकी है। यदि आप भी चांदी में निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो वर्तमान समय को आपके लिए एक अच्छा अवसर माना जा सकता है।