Uttar Pradesh: करवा चौथ के पावन पर्व पर एक महिला कांस्टेबल के साथ दुष्कर्म की घटना ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया है। यह मामला रविवार की शाम को उस समय सामने आया जब एक पड़ोसी युवक ने कांस्टेबल के साथ अत्याचार किया। इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है।
घटना का विवरण
रविवार शाम को, महिला कांस्टेबल जो अयोध्या से अपने ससुराल जा रही थीं, को पीली रोड के सेन वेस्ट पारा कोरियन चौकी क्षेत्र में एक युवक ने निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि जब कांस्टेबल अकेली और सुनसान क्षेत्र से गुजर रही थीं, तब पड़ोसी युवक धर्मेंद्र पासवान उर्फ कल्लू ने उन्हें शराब के नशे में पकड़ लिया। जब कांस्टेबल ने उसका विरोध किया, तो युवक ने उसे बाल पकड़कर पास के बाजरे के खेत में खींच लिया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
महिला कांस्टेबल का साहस
महिला कांस्टेबल ने अपनी जान की परवाह किए बिना युवक के खिलाफ संघर्ष किया। जब उन्होंने युवक के हाथ को काटा, तो आरोपी ने उस पर हमला किया और उसके मुंह में घूंसा मारा, जिससे उनकी एक दांत टूट गई। उनकी चीख-पुकार सुनकर जब गांववाले मौके पर पहुंचे, तो आरोपी वहां से भाग निकला।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद, महिला कांस्टेबल अपने परिवार के साथ पहले पीली पुलिस चौकी पहुंची, जहां से उन्हें बताया गया कि घटना स्थल सेन पश्चिम पारा कोरियन चौकी का है। इसके बाद उन्होंने वहां जाकर मामला दर्ज कराया। रविवार को पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया और उसे जेल भेज दिया।
दुष्कर्म की एक और घटना
इस घटना के साथ ही, एक और दुष्कर्म का मामला भी सामने आया है। एक गांव में एक युवक ने 17 वर्षीय किशोरी के साथ दो साल तक दुष्कर्म किया, जिसका आरोप है कि युवक ने शादी का झांसा देकर उसे फंसाया। बुधवार को किशोरी के परिजनों ने दोनों को गांव के बाहर एक बाग में पकड़ लिया। युवक को बुरी तरह से पीटा गया। 20 वर्षीय आरोपी मोहम्मद आरिफ ने किशोरी से शादी का वादा किया, लेकिन शुक्रवार को शादी से इनकार कर दिया और किशोरी के परिजनों को गाली दी। इस पर किशोरी के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रविवार को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
समाज में उठे सवाल
इन घटनाओं ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हमारी सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है कि महिलाएं अपने घर से बाहर भी सुरक्षित नहीं हैं? क्या अपराधियों को इस तरह के अपराधों के लिए कोई सजा नहीं मिलती है? समाज में महिलाओं के प्रति इस प्रकार का व्यवहार न केवल निंदनीय है, बल्कि यह एक गंभीर समस्या का संकेत है।
कानून और व्यवस्था की आवश्यकता
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनों और प्रभावी पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और वे अपने साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएं। समाज के हर वर्ग को इस दिशा में आगे आना होगा और महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
महिला कांस्टेबल के साथ हुई इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि हमें समाज में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह समाज की कमजोरी का भी प्रतीक है। सभी को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। केवल तब ही हम एक सुरक्षित और समर्पित समाज का निर्माण कर सकेंगे, जहां हर महिला को सम्मान और सुरक्षा मिले।