भारत में Semiconductor उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, टाटा ग्रुप का विशाल Semiconductor प्लांट अब ताइवान की प्रमुख कंपनी PSMC (पॉवरचिप Semiconductor मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन) से जुड़ गया है। PSMC इस प्लांट को डिज़ाइन और निर्माण में सहयोग प्रदान करेगी। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोनों कंपनियों के अधिकारियों की मुलाकात के बाद, इस परियोजना के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। यह कदम भारत में Semiconductor उद्योग को बढ़ावा देने और देश को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग के मानचित्र पर प्रमुखता दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
PM मोदी और कंपनियों के अधिकारियों के बीच बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि टाटा सन्स और PSMC की शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक के दौरान भारत में Semiconductor निर्माण परियोजना पर चर्चा हुई। PSMC भारत में अपने व्यापार को विस्तार देने के लिए उत्साहित है और इसका उद्देश्य देश में Semiconductor उत्पादन को एक नई दिशा देना है। टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि PSMC की तकनीक और विशेषज्ञता टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए Semiconductor निर्माण को बेहद आसान बना देगी। गुजरात के धोलेरा में बनने वाला यह प्लांट भारत का पहला एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) समर्थित प्लांट होगा।
धोलेरा प्लांट: भारत में Semiconductor क्रांति की दिशा में पहला कदम
टाटा ग्रुप का यह Semiconductor प्लांट, जो लगभग 91 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है, भारत में Semiconductor निर्माण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके माध्यम से भारत में 1 लाख से अधिक रोजगारों का सृजन होने की संभावना है। यह प्लांट हर महीने लगभग 50 हजार वेफर्स (चिप्स) का निर्माण करेगा, जो कि Semiconductor उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण मापदंड है। PSMC के सीईओ फ्रैंक हुआंग ने इस साझेदारी को दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद बताया और कहा कि भारतीय बाजार में Semiconductor निर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है।
भारत में Semiconductor उत्पादन का भविष्य
भारत को Semiconductor उद्योग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे लाने के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है। Semiconductor उद्योग भारत में तेजी से बढ़ रहा है और सरकार की ओर से भी इसे बढ़ावा देने के लिए नीतिगत समर्थन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने Semiconductor निर्माण के लिए कई योजनाएं और निवेश प्रोत्साहन प्रस्तावित किए हैं, जिससे भारत में उत्पादन लागत कम हो और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने।
Semiconductor उद्योग को लेकर भारत के रणनीतिक महत्व को देखते हुए, ताइवान की कंपनियों का भारत में निवेश करना एक बड़ी उपलब्धि है। भारत, जो अब तक Semiconductor के लिए आयात पर निर्भर था, अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। PSMC जैसी कंपनियों की साझेदारी से भारत के पास न केवल तकनीकी विशेषज्ञता आएगी, बल्कि Semiconductor निर्माण की आवश्यक तकनीकों का विकास भी तेजी से होगा।
धोलेरा प्लांट की प्रमुख विशेषताएं
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का धोलेरा Semiconductor प्लांट एक उच्च तकनीक और एआई समर्थित प्लांट होगा, जो इसे देश का सबसे आधुनिक Semiconductor निर्माण केंद्र बनाएगा। इस प्लांट का निर्माण 91 हजार करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है, और यह देश के Semiconductor उत्पादन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।
1. तकनीकी सहयोग:
PSMC की तकनीकी विशेषज्ञता और डिज़ाइन समर्थन से टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। इस प्लांट के माध्यम से टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स विश्व के विभिन्न बाजारों में Semiconductor की आपूर्ति करने की योजना बना रहा है।
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सपोर्ट:
यह प्लांट भारत का पहला एआई समर्थित Semiconductor प्लांट होगा, जो उत्पादन प्रक्रिया को स्मार्ट और कुशल बनाएगा। एआई के इस्तेमाल से चिप्स की गुणवत्ता और उत्पादन दर में सुधार होगा, जिससे भारत वैश्विक बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकेगा।
3. नौकरी के अवसर:
इस परियोजना के माध्यम से देशभर में 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। यह परियोजना न केवल तकनीकी विशेषज्ञों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि इस उद्योग में नए कौशल का विकास भी करेगी, जिससे युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
4. वैश्विक चिप सप्लाई चेन में भारत की भागीदारी:
धोलेरा प्लांट के माध्यम से भारत अब वैश्विक चिप सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। टाटा ग्रुप का यह प्लांट विश्वभर में Semiconductor की मांग को पूरा करने में योगदान देगा और इस क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
भारतीय Semiconductor उद्योग की दिशा
भारतीय Semiconductor उद्योग में टाटा ग्रुप और PSMC जैसी कंपनियों की भागीदारी से न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी। Semiconductor उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के कदम को वैश्विक स्तर पर भी सराहा जा रहा है। इससे देश में निवेश के अवसर बढ़ेंगे और नई तकनीकों का विकास होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत Semiconductor उद्योग को प्राथमिकता दी गई है। इस क्षेत्र में बड़े निवेश और वैश्विक सहयोग के जरिए, भारत Semiconductor उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।