Bajaj Housing IPO scam: बाजाज हाउसिंग फाइनेंस का IPO निवेशकों के लिए एक सुनहरा मौका था। जब यह शेयर लिस्ट हुए, तो उन्होंने लिस्टिंग के साथ ही 134 प्रतिशत प्रीमियम प्राप्त किया। हालांकि, कई लोगों को शेयरों का आवंटन नहीं मिला, भले ही उन्होंने कई लॉट्स के लिए बोली लगाई थी। अब यह पता चला है कि इस आवंटन में कमी का मुख्य कारण क्या था और क्यों बहुत से निवेशकों ने इस सुनहरे मौके को खो दिया। इस गड़बड़ी का कनेक्शन LIC और टाटा टेक के IPO से भी है।
बाजाज हाउसिंग फाइनेंस का IPO और गड़बड़ी
वास्तव में, बाजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO में लगभग 14.60 लाख बिडिंग एप्लिकेशन रद्द कर दी गईं। यह सब एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ, जिसके कारण निवेशकों को IPO में सस्ते दाम पर शेयर मिलने का मौका खो गया। इस गड़बड़ी ने निवेशकों के लिए इस सुनहरे अवसर को छीन लिया।
LIC और टाटा टेक के IPO में भी हुई थीं गड़बड़ियां
LIC के IPO में भी एक बहुत बड़ा गड़बड़ी हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, LIC के IPO में कुल 20.62 लाख बिडिंग एप्लिकेशन रद्द कर दी गईं थीं। यही स्थिति टाटा टेक के IPO में भी देखी गई, जिसमें लगभग 6 लाख बिडिंग एप्लिकेशन को अस्वीकृत कर दिया गया। इसके बावजूद, टाटा टेक के शेयरों ने भी लिस्टिंग के साथ 140 प्रतिशत से अधिक प्रीमियम प्राप्त किया।
गड़बड़ी का कारण
गड़बड़ी की वजह से बिड्स का अस्वीकृत होना ज्यादातर ऑपरेशनल गड़बड़ियों के कारण हुआ। बैंकों और बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे अधिक अस्वीकृत बिड्स के पीछे UPI प्रक्रिया का पूरा न होना एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, UPS सिस्टम में भी बहुत सी गड़बड़ियां रिपोर्ट की गई हैं।
अन्य IPO में भी गड़बड़ियां
देश में कई अन्य IPO में भी लाखों बिड्स अस्वीकृत की गई हैं। उदाहरण के लिए:
- रिलायंस पावर के IPO में 1.59 लाख बिड्स अस्वीकृत की गईं।
- डॉम्स इंडस्ट्रीज के IPO में 3.51 लाख बिड्स अस्वीकृत की गईं।
- इनॉक्स इंडिया के IPO में 4.14 लाख बिड्स अस्वीकृत की गईं।
- प्रिमियर एनर्जी के IPO में 1.97 लाख बिड्स अस्वीकृत की गईं।
- मोटिसन्स ज्वेलर्स के IPO में 9.60 लाख बिड्स अस्वीकृत की गईं।
- ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज के IPO में 4.94 लाख बिड्स अस्वीकृत की गईं।
तकनीकी गड़बड़ी का असर
इन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण, निवेशकों को न केवल उनकी बिड्स के लिए शेयर नहीं मिले बल्कि उन्हें संभावित लाभ से भी वंचित रहना पड़ा। तकनीकी समस्याएं जैसे कि UPI ट्रांजेक्शन की नाकामी, बैलेंस की कमी, और अन्य ऑपरेशनल इश्यूज ने निवेशकों के अवसरों को प्रभावित किया।
आगे क्या किया जा सकता है?
इन गड़बड़ियों से बचने के लिए निवेशकों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
- समय पर बिडिंग: बिडिंग प्रक्रिया के दौरान समय का ध्यान रखें और अंतिम समय में बिडिंग से बचें।
- सही UPI प्रक्रिया: UPI ट्रांजेक्शन को सही से पूरा करें और बिडिंग से पहले अपने बैंक और UPI सेटअप की जाँच करें।
- बाजार की जानकारी: IPO की प्रक्रिया और अन्य संबंधित जानकारी के लिए हमेशा अपडेट रहें।
- वैकल्पिक निवेश: IPO के अलावा अन्य निवेश विकल्पों पर भी विचार करें और विविधता लाएं।