Viddu Vinod Chopra: आज बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक विदू विनोद चोपड़ा का जन्मदिन है। 5 सितंबर 1952 को श्रीनगर में जन्मे विदू विनोद चोपड़ा आज 72 वर्ष के हो गए हैं। अपने करियर में उन्होंने न केवल दर्शकों को अपनी फिल्मों के माध्यम से मनोरंजन किया, बल्कि हर फिल्म के जरिए समाज को एक संदेश भी देने की कोशिश की। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’, ‘पीके’, ’12वीं फेल’, ‘3 इडियट्स’ और ‘संजू’ शामिल हैं, जो न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही बल्कि समाज को भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।
विदू विनोद चोपड़ा के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य
विदू विनोद चोपड़ा ने अपने करियर में फिल्मों का निर्देशन किया, स्क्रिप्ट लिखी, फिल्में प्रोड्यूस की और एक बार तो पैसे बचाने के लिए अभिनेता भी बने। फिल्म उद्योग में विदू विनोद चोपड़ा अपने सख्त चयन प्रक्रिया के लिए जाने जाते हैं। वे अभिनेता की अभिनय क्षमता पर बहुत ध्यान देते हैं और यदि उन्हें किसी अभिनेता का प्रदर्शन पसंद नहीं आता, तो वे सीन को बिना हिचकिचाहट के खारिज कर देते हैं, चाहे सामने कौन हो।
मनीषा कोइराला के स्क्रीन टेस्ट की कहानी
विदू विनोद चोपड़ा की काम के प्रति गंभीरता का एक उदाहरण है मनीषा कोइराला के साथ हुई कहानी। जब ‘1942: ए लव स्टोरी’ फिल्म के लिए मनीषा कोइराला को कास्ट किया जा रहा था, तो चोपड़ा ने मनीषा के कई स्क्रीन टेस्ट लिए। मनीषा ने अपनी किताब में इस घटना का जिक्र किया कि चोपड़ा को उनके द्वारा दिए गए सभी टेस्ट असंतोषजनक लगे।
विद्या बालन के 65 स्क्रीन टेस्ट
विद्या बालन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। ‘परिणीता’ फिल्म के लिए विदू विनोद चोपड़ा ने विद्या बालन के 65 स्क्रीन टेस्ट किए। विद्या बालन ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया कि चोपड़ा ने फिल्म के लिए उन्हें 65 बार टेस्ट किया। विदू विनोद चोपड़ा अपनी फिल्मों के कास्टिंग को लेकर बहुत ही सजग रहते हैं और हर सीन में परफेक्शन चाहते हैं। जब तक वे किसी सीन से संतुष्ट नहीं होते, वे उसे सुधारने की कोशिश करते रहते हैं।
विदू विनोद चोपड़ा की पहली फीचर फिल्म
विदू विनोद चोपड़ा की फिल्मी यात्रा की शुरुआत ‘सज़ा ए मौत’ से हुई थी। यह एक एक्शन-थ्रिलर फिल्म थी, जिसमें नसीरुद्दीन शाह और रेणु सालुजा ने अभिनय किया था। विदू विनोद चोपड़ा की अन्य प्रमुख फिल्मों में ‘3 इडियट्स’, ‘परिंदा’, ‘फेरारी की सवारी’, ’12वीं फेल’, और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ शामिल हैं। उन्होंने इन फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है।
प्रेरणा और सफलता की कहानी
विदू विनोद चोपड़ा की सफलता की कहानी उनके संघर्ष और मेहनत का प्रतीक है। उनकी फिल्में हमेशा नए और अभिनव विचारों के साथ आई हैं, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। उन्होंने अपने करियर में कभी भी समझौता नहीं किया और हमेशा उच्च मानक बनाए रखे। उनकी फिल्में समाज की जटिलताओं और समस्याओं को सहजता से दर्शाती हैं और साथ ही एक सकारात्मक संदेश भी देती हैं।
उपसंहार
विदू विनोद चोपड़ा का जन्मदिन एक अवसर है यह याद करने का कि कैसे एक फिल्म निर्माता अपनी कला और व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है। उनके द्वारा की गई मेहनत, समय की पाबंदी और प्रति के प्रति उनकी गंभीरता उनके काम को अद्वितीय बनाती है। विदू विनोद चोपड़ा की कहानियाँ, उनकी फिल्में और उनके द्वारा लिए गए स्क्रीन टेस्ट की कहानियाँ यह साबित करती हैं कि सफलता के पीछे कितनी मेहनत और समर्पण होता है। उनके 72वें जन्मदिन पर, हम उनके और उनकी फिल्मों के योगदान को सलाम करते हैं और भविष्य में भी उनकी नई परियोजनाओं के लिए शुभकामनाएं देते हैं।