Insurance: हाल ही में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने बीमा पॉलिसी प्रीमियम पर GST को खत्म करने की मांग की है।
GST काउंसिल की बैठक
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की बैठक 9 सितंबर 2024 को होने वाली है। इस बैठक में बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर GST हटाने पर चर्चा हो सकती है। बीमा उद्योग द्वारा 18% GST को हटाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। ग्राहक भी चाहते हैं कि सरकार GST हटाए क्योंकि अतिरिक्त टैक्स से उनका वित्तीय बोझ बढ़ता है। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर GST 18% तक लगाया जा सकता है।
टर्म इंश्योरेंस पर राहत की संभावना
बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि GST काउंसिल टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर GST को हटाने पर राहत दे सकती है। टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी जीवन बीमा का सबसे लोकप्रिय उत्पाद है, जो केवल मृत्यु लाभ प्रदान करता है और किसी प्रकार का परिपक्वता लाभ नहीं देता। ये शुद्ध-जोखिम उत्पाद हैं जो कम लागत में बड़े कवरेज प्रदान करते हैं। टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST जोड़ने से प्रीमियम बढ़ जाता है। इसके अलावा, बीमा पॉलिसी धारकों को लाभ या उनका पैसा अप्रत्याशित घटनाओं में ही वापस मिलता है। इसलिए, सरकार टर्म इंश्योरेंस पर GST हटाने का फैसला ले सकती है।
अन्य बीमा पॉलिसियों पर GST हटाने की संभावना कम
वहीं, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) या निवेश से जुड़े अन्य जीवन बीमा पॉलिसियों पर GST हटाने की संभावना कम है क्योंकि ये योजनाएं जीवन सुरक्षा कवर के साथ-साथ निवेश पर रिटर्न भी प्रदान करती हैं। इसलिए, GST काउंसिल के द्वारा निवेश से जुड़े उत्पादों पर GST हटाने पर विचार करने की संभावना कम है।
नितिन गडकरी की मांग
हाल ही में, नितिन गडकरी ने बीमा पॉलिसी प्रीमियम पर GST हटाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि GST हटाने से लाखों लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि प्रीमियम कम होगा। पत्र में लिखा गया था कि जीवन बीमा प्रीमियम पर GST लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने जैसा है। इसलिए, उन्होंने बीमा प्रीमियम पर लगाई गई GST को हटाने की मांग की है।